ऋषभ पंत ने रच दिया इतिहास

 


ब्रिसबेन
ऋषभ पंत की बल्लेबाजी क्षमता पर कभी सवाल नहीं उठता था तो शॉट सिलेक्शन पर। पंत ने उसमें कुछ सुधार किया। लेकिन अपना स्टाइल नहीं बदला। गेंद पर हमला करना उनकी खूबी है। उनका स्टाइल है और उनकी ताकत है। पंत ने इसे जारी रखा। इसी आदत ने भारत को इतिहास रचने में मदद की। पंत ने दिखाया कि वह आक्रामण करना बंद नहीं करेंगे। आक्रमण जो ऑस्ट्रेलिया की पहचान है। उसे उसी के अंदाज में भारतीय टीम ने ऑस्ट्रेलिया को गाबा में हराकर इतिहास रच दिया। सात मैचों में पहली बार टीम इंडिया ने ब्रिसबेन में जीत हासिल की है। 32 साल में पहली बार ऑस्ट्रेलिया इस मैदान पर हारी है। भारत की इस जीत की पटकथा लिखने में यंग इंडिया के सितारे शुभमन गिल और ऋषभ पंत की अहम भूमिका रही है।


मैच के बाद पंत ने कहा, 'यह मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। मेरे लिए ड्रीम सीरीज है। पहला मैच नहीं खेलने के बाद हमने बहुत मेहनत की। टीम मैनेजमेंट मुझे हमेशा बैक करता है। मुझे मैच विनर कहा जाता है। ये मैं सुनता रहता हूं। मुझे खुशी है कि आज कर दिखाया। पांचवे दिन बोल टर्न कर रही थी। मैंने शॉट सेलेक्शन पर ध्यान दिया. अंत में जीतना जरूरी होता है। अगर जीत गए तो सब सही।'

पंत जब क्रीज पर उतरे तो भारत का स्कोर 3 विकेट पर 167 रन था। कप्तान रहाणे 24 रन बनाकर आउट हुए थे। लेकिन 22 गेंद पर। यानी संकेत साफ था। मौका मिले तो जीत के लिए जाओ। ड्रॉ दूसरा विकल्प है। टीम इंडिया की रणनीति सकारात्मक थी। नजरें जीत पर थीं और जीत के लिए आक्रामक होना जरूरी था। पंत को यह माहौल सूट करता है। कह सकते हैं यह उनके कोर्ट की बात है। लेकिन उन्होंने जाते ही धावा नहीं बोला। शुरू में सेट होने में वक्त लिया। पहला चौका 10वीं गेंद पर आया। वह भी बल्ले के किनारे से लगकर। इसके बाद भी बड़े शॉट नजर नहीं आए। संभलना और संभालने का काम किया। पुजारा के साथ मिलकर 61 रन की साझेदार की लेकिन इसके लिए 141 गेंदें खेलीं। पंत ने 84 गेंद पर 34 रन बनाए थे। इसके बाद 89 रन 138 गेंद पर। भारत के लिए यहां से भी लक्ष्य बड़ा नहीं था लेकिन टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से चुनौतीपूर्ण जरूर था।


पुजारा को नई गेंद से पैट कमिंस ने आउट किया। इसके बाद क्रीज पर आए मयंक अग्रवाल। यहां से पंत ने गियर बदलने शुरू किए। 37 रन की साझेदारी में 24 गेंद पर 23 रन बनाए थे।


अग्रवाल के आउट होने के बाद पंत और वॉशिंगटन सुंदर ने रंग दिखाने शुरू किए। दोनों ने मिलकर सिर्फ 55 गेंद पर 53 रन जोड़े। पंत ने जहां 26 गेंद पर 23 रन बनाए वहीं सुंदर ने 29 पर 22। अब जीत करीब आ गई थी और भारत इसे गंवाना गवारा नहीं कर सकता था। हालांकि सुंदर और शार्दुल ठाकुर के आउट हुए लेकिन पंत के बल्ले से निकले चौके ने भारत को ऐतिहासिक जीत दिला दी।

पंत पहले टेस्ट में नहीं खेले थे। विकेटकीपर के रूप में वह पहली पसंद नहीं थे। मेलबर्न में वह टीम में आए। बल्लेबाजी को मजबूत करने के लिए उन्हें लाया गया। और सीरीज में उन्होंने साबित किया। सिडनी में 97 रन बनाकर भारत को जीत की उम्मीद जताई थी। इसके बाद अश्विन और हनुमा विहारी ने मैच ड्रॉ करवाया।

Source : Agency

14 + 1 =

Ahtieshyam Uddin (Editor in Chief)

Email: nationalsamacharindia2019@gmail.com

Mobile:    (+91) 8770103914

(Office Chhattisgarh)

Chhatisgarh Bureau Office: Vaishali Residency, Shop No.01, Ward No. 44, Shankar Nagar, Bilaspur (CG) Pin: 495004